सन्त निरंकारी मिशन द्वारा प्रोजेक्ट अमृत के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ परियोजना का शुभारम्भ
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रिपोर्ट – सद्दाम हुसैन देवरिया
देवरिया: (उ0प्र0) देवरिया जिले मे संत निरंकारी मिशन द्वारा आजादी के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ के अवसर पर सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता के पावन सान्निध्य में दिनांक 26 फरवरी, दिन रविवार को ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारम्भ किया गया। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ‘जल संरक्षण’ तथा इसके बचाव हेतु अपनायी जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाना एवं उन्हें क्रियान्वित रूप देना है। इस परियोजना का मुख्य बिन्दू जल निकायों की स्वच्छता एवं स्थानीय जनता के बीच ‘जागरूकता अभियान’ के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है।
निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा समाज कल्याण हेतु जीवनपर्यन्त अनेक कार्य किये गये जिसमें स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान का आरम्भ प्रमुख है और उन्हीं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष संत निरंकारी मिशन ब्रांच- देवरिया द्वारा निरंकारी सत्गुरु के निर्देशन में ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत देवरिया में हनुमान मंदिर के प्रांगण की सफाई की गई। जिसमें संत निरंकारी सत्संग भवन उमा नगर से संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के बैनर तले लगभग 200 महिलाएं एवं पुरुष स्वच्छ जल स्वच्छ मन, जल बचाओ कल बचाओ और प्रदूषित पानी हमरी हानि के बैनर तले कुशवाहा गेट सी सी रोड होते हुए हनुमान मंदिर प्रांगण में पहुंचे और वहां पर पोखरे के अंदर और बाहर की सफाई की। सफाई के दौरान निकाले गए कूड़े कचरे को नगरपालिका के ट्राली के माध्यम से डंपिंग वाहन में लोड किया गया है। इस कार्यक्रम में हनुमान मंदिर के महंत परमात्मा दास ने संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज में इस तरह के कार्य करने से लोगों के अंदर जागरूकता आते हैं और भी लोगों को इसी तरह के कार्य का अनुसरण करना चाहिए ताकि हमारा वातावरण साफ हो और पानी के प्रति लोगों की जागरूकता बढे।
संत निरंकारी मिशन देवरिया के संयोजक बद्री विशाल सिंह ने इस परियोजना संबंधित विस्तृत जानकारी दी कि यह परियोजना संपूर्ण भारतवर्ष के लगभग 1100 स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में विशाल रूप से आयोजित की गई है । इस परियोजना में निरंकारी मिशन के करीब 1.5 लाख स्वयंसेवक अपने सहयोग द्वारा ‘जल संरक्षण’ और ‘जल निकायों’ जैसे समुद्र तट, नदियां, झीले, तालाब, कुएं, पोखर, जोहड, विभिन्न झरनों, पानी की टंकियों, नालियों और जल धाराओं इत्यादि को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के संकल्प के साथ सफाई किया गया।
इसके अतिरिक्त रास्तों की सफाई और आसपास के क्षेत्रों में घूमने एवं चलने वाले स्थानों को सुशोभित करने हेतु वृक्ष एवं अन्य झाड़ियों को स्वयंसेवकों के समूह द्वारा लगाया गया ताकि पर्यावरण हरित एवं सुंदर रहे।
सेवादल के क्षेत्रीय संचालक दुर्गेश नंदन ने कहा कि या एक जागरूकता अभियान है जागरूकता अभियान। यह गतिविधि सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है फिर चाहे वह प्राकृतिक जल निकाय हो अथवा मानव निर्मित। इस अभियान में लोगों को जागरूक करने हेतु मुख्यतः ‘जल संरक्षण’ और ‘अच्छी जल प्रथाओं’ के बारे में संदेश प्रदर्शित करने वाले नारों, बैनरों, होर्डिंग्स का प्रदर्शन, सफाई गतिविधियों के दौरान ‘नुक्कड़ नाटिकाओं’ के माध्यम से जल के महत्व और इसके संरक्षण पर जागरूकता उत्पन्न कराना, रैलियां/मार्च/स्थानीय क्षेत्रों में जल के लिए पदयात्रा करना, जल संरक्षण पर गीतों की प्रस्तुति, जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता, लोक नृत्य, गीत और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘जल संरक्षण’ पर जागरूकता इत्यादि प्रमुख है
निसंदेह यह परियोजना पर्यावरण संतुलन, प्राकृतिक की सुंदरता और स्वच्छता हेतु किया जाने वाला एक प्रंशसनीय एवं सराहनीय प्रयास है। वर्तमान में हम ऐसी ही लोक कल्याणकारी परियोजनाओं को क्रियान्वित रूप देकर अपनी इस सुंदर धरा को हानि से बचा सकते है। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर भी रोक लगाई जा सकती है।