डीपीआरओ का भष्ट्राचार जिलाधिकारी की कमेटी भी नाकाम
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रिपोर्ट – सद्दाम हुसैन
देवरिया: (उ0प्र0) देवरिया जिले मे 0विकास भवन के विकास की गाथा लिखी गई थी जिसमें डीपीआरओ देवरिया के भ्रष्टाचार की गाथा विभागीय जांच के बाद लिखी गई थी जिसमें डीपीआरओ कार्यालय को कार्रवाई करनी थी सरकारी धन जो ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा बिना कार्य कराए निकाल कर बंदरबांट कर लिया गया था उसे पुनः सरकारी कोष ने वापस लाना था परंतु डीपीआरओ की मिलीभगत ने सरकारी धन को गांधीजी के सामने समर्पण कर दिया और कल की सूचना पर पत्रकारों और समाजसेवियों को डीपीआरओ देवरिया ने बताया की उक्त मामले में जांच की तारीख 13 दिसंबर 2021 और कार्रवाई होगी जबकि वह जांच हो चुकी है विभागीय जांच है एडीओ पंचायत ने करके भेजी है डीपीआरओ कार्यालय का कारण बताओ नोटिस था बावजूद इसके डीपीआरओ का गोल मोल और लाखों का झोल, डीपीआरओ देवरिया ने 13 तारीख का हवाला देकर पूरे मामले को ही पलट देने का प्रयास किया है |
जबकि मामला दूसरा है जिसमें कल यानी 13 दिसंबर 2021 को जांच के लिए तारीख जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम द्वारा होनी है जो 9 महीने बाद हो रही है और इस पर खेद जताते हुए मुख्य विकास अधिकारी के पत्र के बाद मुख्य कार्यक्रम अधिकारी देवरिया ने तय की है उसका डीपीआरओ महोदय से दूर-दूर तक नाता नहीं है क्योंकि उनका कार्यालय पिछले 9 महीने से निष्क्रिय रहा पूरे मामले में गांधी जी को छोड़कर |
मामला कुछ ऐसा है कि महुजा ग्राम के करीब 50 लोगों ने जिलाधिकारी देवरिया को संबोधित 7 पन्नों का आवेदन पत्र 10 शपथ पत्र के साथ गांव में हुए भ्रष्टाचार एवं ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए कार्यों की जांच हेतु 16 अक्टूबर 2020 में को दिया जिसकी जांच हेतु जिला अधिकारी कार्यालय ने डीपीआरओ एक कार्यालय लिख दिया, डीपीआरओ कार्यालय ने कछुए की चाल से जिलाधिकारी कार्यालय को बताया कि आप टीम गठित कर दें जांच हेतु |
जिलाधिकारी देवरिया ने पत्रांक संख्या 7718 /3 मार्च 2021 को पूरे आवेदन पर जांच हेतु टीम गठित कर दी और जिला कार्यक्रम अधिकारी को जांच अधिकारी और तकनीकी जांच हेतु सहायक अभियंता, निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग, देवरिया को नामित किया |
महुजा ग्रामवासी जांच अधिकारी और जांच टीम का इंतजार करते रहे और 9 महीने में कोई जांच नहीं हुई बार-बार आवेदन निवेदन डीपीआरओ कार्यालय को होता रहा लेकिन डीपीआरओ कार्यालय ने कोई सुनवाई नहीं की अलबत्ता मुझसे पिछले दो दिनों में हुई बातचीत में डीपीआरओ पूरे मामले से पल्ला झाड़ चुके थे जांच टीम के नाम पर जबकि शिकायतकर्ता पूरे मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी देवरिया के 7 दिसंबर को गए और पत्रांक संख्या 2818 जारी कर उन्होंने जांच में देरी पर खेद जताया और 1 सप्ताह के अंदर आख्या प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया |
इस संदर्भ में जिला कार्यक्रम अधिकारी देवरिया से भी वार्ता हुई उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुझे किसी प्रकार का कोई रिमाइंडर पत्र नहीं मिला है डीपीआरओ कार्यालय से जांच हेतु इस प्रकरण में |
जबकि इसके उलट डीपीआरओ देवरिया ना जाने क्या समझ बैठे हैं खुद को भ्रष्टाचार की गोदी में बैठकर जो कहते हैं मैंने कितनी बार रिमाइंडर दिया लिखकर मांग लीजिए तभी बता सकते हैं जबकि जिले के आरटीआई कार्यकर्ता बताते हैं कि साहब के कार्यालय में 200 से अधिक आवेदन लंबित पड़े हैं क्योंकि साहब गांधी जी के भक्त सचिवों की घर वापसी करा रहे हैं |
खैर आला अधिकारी मौन हैं क्योंकि जिला अधिकारी से बड़ा कौन है ?
जिन बंधुओं को 7 पन्ने का आवेदन और 10 पन्ने का शपथ पत्र चाहिए व्यक्तिगत भेज देंगे |
ग्राम वासियों का पत्र, जिलाधिकारी कार्यालय का पत्र, मुख्य विकास अधिकारी का पत्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी का पत्र l