उ0प्र0 की मुख्य विपक्षी पार्टियों बसपा और सपा दोनों से पार्टी से अपील
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देवरिया: (उ0प्र0) एग्जिट पोल के आंकड़े जो भी दिखा-बता रहे हैं, उससे बिना मन प्रभावित किए हुए, बिना मन विचलित किए हुए, इन सब चीजों से परे हटकर मैं उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टियों बसपा सपा दोनों से अपील करूंगा कि वे दोनों, जहां पर काउंटिंग होनी है सुबह से सुबह मतलब 6:00 बजे से जब तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हो जाती, कम से कम दोनों पार्टी अपने दस हजार- 10,000 कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाएं, मतगणना स्थल पर लोगों की भी जरूरत पड़ेगी, जनता के दबाव में ही धांधली को रोका जा सकता है।
सिर्फ ईवीएम के वोट ही नहीं इस बार बैलेट पेपर के वोट जिनको पोस्टल वोट कहा जाता है सरकारी भाषा में, उसमें भी धांधली की बहुत बड़ी संभावना है इसलिए दोनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जी और अखिलेश यादव दोनों से यही कहूंगा कि आप लोग पूरे 75 जिले में जहां जहां वोट की काउंटिंग हो रही है प्रत्याशियों से कहें कि हर प्रत्याशी कम से कम अपने साथ अपने समर्थक 2000 लोगों को लेकर वहां 24 घंटे पहरा दे।
चुनाव आयोग से लोगों का विश्वास इतना कम हो चुका है की प्रत्याशी 24 घंटे स्ट्रांग रूम के परिसर के बाहर पहरा दे रहे हैं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी ऐसा देखा गया और अभी इस विधानसभा चुनाव में भी। सबको पता है पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और गरिमा दोनों धूमिल और तार-तार हुई है, उनके कुछ फैसले एक पार्टी के फेवर में जाते हुए दिखते हैं, नियम के मुताबिक चुनावों में कोई भी पार्टी जाति और धर्म के मुद्दे को बनाकर वोट नहीं मांग सकती ना ऐसा कैंपेन कर सकती। पर एक पार्टी के नेता सार्वजनिक तौर पर सांप्रदायिकता फैलाने के लिए तरह-तरह के बयान बाजी करते रहे, लेकिन जनता ने देखा चुनाव आयोग ने इसका कोई संज्ञान नहीं लिया, खानापूर्ति के लिए एक दो मामलों में नोटिस जरूर जारी हुए लेकिन वह सिर्फ एक दिखावा मात्र था।
तो मैं विपक्षी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों से अपील करता हूं कि आप लोग अपने कार्यकर्ताओं की ड्यूटी वहां पर लगाएं और जैसा मुझे ज्ञात हुआ है आपने ऐसे ड्यूटी लगाने की बात तो की है लेकिन कितने कार्यकर्ता मतगणना स्थल से कुछ दूरी पर रहेंगे इसके बारे में कुछ नहीं कहा है। तो मैं मेरी बात यही है कि आप अपने प्रत्याशियों को आदेश दें और कहें कि आप अधिक से अधिक जन बल के साथ, जन समर्थन के साथ वहां पर डटे रहें । मतगणना शुरू होने से 2 घंटे पहले से और जब तक मतगणना खत्म नहीं हो जाती अगले दिन की मध्य रात्रि तक, और जब तक सर्टिफिकेट नहीं बंट जाता तब तक।
विपक्षी पार्टियों आपकी यह लड़ाई, आपका यह संघर्ष ही देश में लोकतंत्र बचा सकता है। चुनावों में आरोपों के दौर चलते रहते हैं लेकिन कभी-कभी विपक्षी पार्टियों को मिलकर साथ ही रणनीति बनानी पड़ती है अगर लोकतंत्र में सरकार एक तानाशाही और खतरनाक रूप अख्तियार कर लेती है तब, और ऐसा बहुत लोग का मानना है मौजूदा समय में जिस तरह से देश चलाया जा रहा है वह लोकतांत्रिक व्यवहार ना होते हुए ऐसा लगता है कि एक गिरोह अपने देश को चला रहा है।