निर्दिष्ट अवधि में नदियों में मत्स्य बीज निकासी एवं मत्स्य का अवैधानिक शिकार व बिक्री करने पर होगी विधिक कार्यवाही-जिलाधिकारी
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ब्यूरो रिपोर्ट जुबेर अहमद
श्रावस्ती 19 जून, 2020
जिलाधिकारी यशु रूस्तगी ने बताया है कि वर्षा ऋतु में भारतीय मेजर कार्प मछलियां यथा कतला, रोहू व नैन तथा विदेशी कार्प यथा ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प व काॅमन कार्प मछलियां प्रजनन करती हैं। नदियों में 15 जुलाई से 30 सितम्बर की अवधि में फ्राई एवं फिंगरलिंग आकार का मत्स्य बीज पकड़ने, नष्ट करने अथवा बेचने के लिए दिनांक 15 जून से 30 जुलाई तक प्रजनन अवधि में जनपदों में प्रतिबन्धित क्षेत्रों में छोटे जालों से मछली तथा मछली के बच्चों की निकासी करने तथा ऐसे समस्त उपकरण जिनसे शिकारमाही सम्भव हो पूर्णतया प्रतिबंधित है। नदियों में मत्स्य आखेट हेतु पट्टा/ठेका का अधिकार दिये जाने सम्बन्धी राजस्व विभाग द्वारा 01 जून से 31 अगस्त तक नदियों में मत्स्य आखेट को प्रतिबन्धित रखे जाने का भी प्राविधान है।
जिलाधिकारी ने बताया है कि उक्त प्राविधानों के आलोक में प्रतिबंधित अवधि में जनपद की सीमा में प्रवाहित होने वाली नदियों में मत्स्य बीज पकड़ने, नष्ट करने एवं मतस्य शिकारमाही को प्रतिबंधित किया जाता है। उक्त अवधि में नदियों से मत्स्य बीज की निकासी एवं मत्स्य शिकारमाही की चेकिंग हेतु राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग की टीम (निरीक्षक स्तर तक) को अधिकृत किया गया है। निर्दिष्ट अवधि में जो भी व्यक्ति नदियों में मत्स्य बीज निकासी एवं मत्स्य का अवैधानिक शिकार व बिक्री करते पकड़ा जायेगा उसके विरूद्ध यू0पी0 फिशरीज एक्ट 1948 के प्राविधानों के अन्तर्गत नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी
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